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शयन हेतु कुछ आवश्यक वास्तु के नियम

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Shri Ramchandra Sevadham Trust, Nawalgarh

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दिशा सम्बन्धी नियम
१. हमेशा दक्षिण की ओर सिर रख कर सोना चाहिए !
२. पश्चिम दिशा शयन हेतु द्वितीय उत्तम अवस्था है !
३ उत्तर की ओर सिर करके कभी नहीं सोना चाहिए !
४ इशान / पूर्व की ओर भी सिर करके नहीं सोना चाहिए !
( उपरोक्त दिशाए इस लिए बताई जा रही है क्योकि मैग्नटिक फ़ील्ड के दुष्प्रभाव से बचा जा सके और प्राण ऊर्जा ज्यादा से ज्यादा प्राप्त किया जा सके ! )
अन्य नियम ,
५ बहुत ऊंची खाट , मैली खाट , टूटी खाट पर नहीं सोना चाहिए !
6 सिर नीचा करके नहीं सोये !
7 बहुत ऊंची तकिया लगाकर नहीं सोये !
८. जूंठे मुह , भीगे पैर रख कर , मुख में ताम्बूल , पान मसाला आदि रख कर नहीं सोना चाहिए !
९ कभी भी नग्न-अवस्था में नहीं सोना चाहिए , आयु कम होती है !
१० सिर पर पगड़ी अथवा , जाड़ो में गरम टोपी लगाकर नहीं सोना चाहिए !
११. घुटने से नीची चारपाई या बेड पर सोने से घुटने की बीमारिया होती है !
१२. सोने से पूर्व ध्यान , बड़ो को प्रणाम करके सोना चाहिए !
१३. बेड के नीचे कुछ भी नहीं रखना चाहिए , आज कल बॉक्स बेड का प्रचलन अनिद्रा अथवा अतिनिद्रा की बीमारिया लाता है !
१४ बेड का सिरहाना दीवार के पास हो , बीचोबीच कमरे में नहीं सोना चाहिए , लोग पंखे के बिलकुल नीचे सोते है , यह ठीक नहीं है !
१५. काले या बहुत डार्क रंग की बेडशीट या तकिया लगाने से डरावने स्वप्न बहुत आते है अतः light कलर की बेडशीट बिछाए !
१६. छोटे बच्चो को इतिहास , पुराण की प्रेरक कहानिया सुना कर सुलाए जो चरित्र निर्माण में सहायक होती है !
अंत में यदि सयुक्त परिवार में है , यदि संभव हो सके तो अपने से बड़ो की यथा संभव सेवा करके ही सोये ! बड़ो , बुजुर्गो का आशीवाद , सदगुरु का ध्यान करके ही सोये , यह बहुत आवश्यक है !
भगवान् श्री राम भी सोने से पूर्व गुरु के चरणों की सेवा अवश्य ही करते थे ! कृपया राम चरित मानस का सन्दर्भ ले ,
निशि प्रवेश मुनि आयसु दीन्हा , सबही संध्या बंदनु कीन्हा !!
कहत कथा इतिहास पुरानी , रुचिर रजनि जुग जाम सिरानी !!
मुनिवर सयन कीन्हि तब जाई , लगे चरण चापन दोउ भाई !!
जिन्हके चरण सरोरुह लागी , करत विविध जप जोग बिरागी !!
तेई दोउ बन्धु प्रेम जणू जीते , गुरु पद कमल पलोटत प्रीते !!
बार बार मुनि आज्ञा दीन्ही , रघुबर जाई सयन तब कीन्ही !!

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By Shri Mukesh Dass

Since 1997, the National Bird Peacock Dana water is being provided by Shri Ramchandra Seva Dham Trust. The only trust of Nawalgarh is where the national bird is served and this is the most peacock found.

27 replies on “शयन हेतु कुछ आवश्यक वास्तु के नियम”

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