Categories
Uncategorized

गुरु की गरिमा से बड़ा नहीं कहीं आकार

Home » Blog » Uncategorized » गुरु की गरिमा से बड़ा नहीं कहीं आकार

Ramseva Trust

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

गुरु की उर्जा सूर्य-सी, अम्बर-सा विस्तार
.गुरु की गरिमा से बड़ा, नहीं कहीं आकार.
गुरु का सद्सान्निध्य ही,जग में हैं
उपहार.प्रस्तर को क्षण-क्षण गढ़े,
मूरत हो तैयार.गुरु वशिष्ठ होते नहीं,
और न विश्वामित्र.तुम्हीं बताओ राम का,
होता प्रखर चरित्र?गुरुवर पर श्रद्धा रखें,
हृदय रखें विश्वास.निर्मल होगी बुद्धि तब,
जैसे रुई- कपास.गुरु की करके वंदना,
बदल भाग्य के लेख.बिना आँख के सूर ने,
कृष्ण लिए थे देख.गुरु से गुरुता ग्रहणकर,
लघुता रख भरपूर.लघुता से प्रभुता मिले,
प्रभुता से प्रभु दूर.गुरु ब्रह्मा-गुरु विष्णु है,
गुरु ही मान महेश.गुरु से अन्तर-पट खुलें,
गुरु ही हैं परमेश.गुरु की कर आराधना,
अहंकार को त्याग.गुरु ने बदले जगत में,
कितने ही हतभाग.गुरु की पारस दृष्टि से ,
लोह बदलता रूप.स्वर्ण कांति-सी बुद्धि हो,
ऐसी शक्ति अनूप.गुरु ने ही लव-कुश गढ़े ,
बने प्रतापी वीर.अश्व रोक कर राम का,
चला दिए थे तीर.गुरु ने साधे जगत के,
साधन सभी असाध्य.गुरु-पूजन, गुरु-वंदना,
गुरु ही है आराध्य.गुरु से नाता शिष्य का,
श्रद्धा भाव अनन्य.शिष्य सीखकर धन्य हो,
गुरु भी होते धन्य.गुरु के अंदर ज्ञान का,
कल-कल करे निनाद.जिसने अवगाहन किया,
उसे मिला मधु-स्वाद.गुरु के जीवन मूल्य ही,
जग में दें संतोष.अहम मिटा दें बुद्धि के,
मिटें लोभ के दोष.गुरु चरणों की वंदना,
दे आनन्द अपार.गुरु की पदरज तार दे,
खुलें मुक्ति के द्वार.गुरु की दैविक दृष्टि ने,
हरे जगत के क्लेश.पुण्य कर्म सद्कर्म से,
बदल दिए परिवेश.गुरु से लेकर प्रेरणा,
मन में रख विश्वास.अविचल श्रद्धा भक्ति ने,
बदले हैं इतिहास.गुरु में अन्तर ज्ञान का,
धक-धक करे प्रकाश.ज्ञान-ज्योति जाग्रत करे,
करे पाप का नाश.गुरु ही सींचे बुद्धि को,
उत्तम करे विचार.जिससे जीवन शिष्य का,
बने स्वयं उपहार.गुरु गुरुता को बाँटते,
कर लघुता का नाश.गुरु की भक्ति-युक्ति ही,
काट रही भवपाश |

You can share your thoughts with my own thoughts I will be glad to learn something from you 

you can contact me

By Shri Mukesh Dass

Since 1997, the National Bird Peacock Dana water is being provided by Shri Ramchandra Seva Dham Trust. The only trust of Nawalgarh is where the national bird is served and this is the most peacock found.

43 replies on “गुरु की गरिमा से बड़ा नहीं कहीं आकार”

hello!,I love your writing very so much!

proportion we keep up a correspondence extra approximately
your post on AOL? I need a specialist in this area to
unravel my problem. Maybe that is you! Having a look forward to look you.

Feel free to surf to my webpage :: marchegabonais.com

Comments are closed.

error: Content is protected !!