मेरा जीवन जीने का उद्देश्य, मात्र प्राणी सेवा है। सच्ची सेवा अगर देखनी हो, तो उन पेड़-पौधों से देखो जो भले और बुरे दोनों को समान भाव से फल व छाया प्रदान करते हैं। संसार में अगर आप किसी को बड़ा समझते हो तो, निश्चित ही वह सेवक है। प्राणियों की सेवा से आत्मा को शक्ति मिलती है। और आत्मशक्ति ही मनुष्य को बड़ा बनाती है। सेवाभावी मनुष्य हजारों में अलग ही नजर आता है। ऐसे लोगों में आत्म बल भरपूर होता है। चींटी से लेकर हाथी तक सभी ईश्वर का स्वरूप है। जो लोग इन्हें परेशान और दुखी करते हैं, वह ईश्वर को दुखी करते हैं, और जो सभी प्राणियों में सेवा का भाव रखते हैं, वे परमात्मा की सेवा करते हैं ।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!जीवन बिताने के लिए तो जानवर भी समूह बनाकर अपना आशियां (घर) बनाकर रहते हैं, पर वह जीवन किस काम का जो किसी के लिए सहारा ना बन सके। अगर सहारा भी ना बन सको, तो कम से कम किसी के लिए बाधा, तो मत बनो। आपसे अगर सेवा ना होती है, तो कोई बात नहीं। पर जो सेवा करते हैं। कम से कम उन्हें तकलीफ तो ना दो, अपने बच्चों को तो जानवर ही प्रेम करते हैं। कभी दूसरों को प्रेम देखकर देखो तो सही । ईर्ष्या, द्वेष, छल, कपट, करते-करते पता नहीं कितनी पीढ़ियां बीत गई। जो जहां था, जो जैसा था, वह आज भी वैसा ही है, फर्क है तो सिर्फ इतना है। आज आबादी ज्यादा है, क्षेत्र की कमी है, जिस वजह से अब तो सिर्फ घर बनाने की कुछ जगह मिल पाती है, और यह जीवन तो चारदीवारी के भीतर कैद होकर, यूं ही बीत जाता है। इन दीवारों को तोड़ दो, और सेवा के लिए अपने कदमों को निरंतर आगे बढ़ाते रहो। इस लोक में की गई सेवा परलोक में स्थान दिलाती है ।
“खाया सो संग चला, बाटया सो हाथ, दसवन सिंह पौडिया, माल वीराणा होए।”
भोजन करने से शरीर चलता है, बांटा गया धन हमेशा हाथ में रहता है, दस इंद्रियों का यह शरीर जब नष्ट हो जाता है, संचित किया गया धन उसी के साथ पराया हो जाता है। वह आपके किसी काम का नहीं अतः व्यक्ति को हमेशा पुण्य कर्म करनी चाहिए। किसी को दिया गया धन जरूर वापस मिलता है। पर जो संचित किया गया था, वह आपको कभी काम नहीं आएगा।
Since 1997, the National Bird Peacock Dana water is being provided by Shri Ramchandra Seva Dham Trust. The only trust of Nawalgarh is where the national bird is served and this is the most peacock found.
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