Categories
इन्द्रिय

इन्द्रिय कितनी होती है ?

Home » Blog » इन्द्रिय » इन्द्रिय कितनी होती है ?

इन्द्रिय कितनी होती है ?

इंद्रिय के द्वारा हमें संसारी विषयों जैसे कि रूप, रस, गंध, स्पर्श एवं शब्द का तथा आभ्यंतर विषयों जैसे सु:ख- दु:ख आदि का ज्ञान प्राप्त होता है। इद्रियों के अभाव में हम विषयों का ज्ञान किसी प्रकार प्राप्त नहीं कर सकते। इसलिए तर्कभाषा के अनुसार इंद्रिय वह प्रमेय है जो शरीर से संयुक्त, अतींद्रिय (इंद्रियों से ग्रहीत न होनेवाला) तथा ज्ञान का करण हो (शरीरसंयुक्तं ज्ञानं करणमतींद्रियम्)।

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

इंद्रिय को संस्कृत भाषा में ‘करण’ भी कहते हैं। इंद्रिय शरीर का वह अवयव है, जिसके द्वारा हम कोई काम करते हैं या कोई ज्ञान प्राप्त करते हैं। मुंह, हाथ, लिंग, गुदा और पैर– ये पांच कर्मेंद्रियों हैं। इनके द्वारा हम स्थूल कर्म किया करते हैं। ये भी बाहरी इंद्रियां कहलाती हैं। इन कर्मेंद्रियों में से प्रत्येक के द्वारा लगभग भिन्न-भिन्न ही काम लिया जाता है। मुंह से भोजन करने और बोलने का काम करते हैं। मुंह के अंतर्गत दांत, होठ, तालु, मूर्धा, कंठ, आदि आ जाते हैं। जिह्वा रस (स्वाद) इंद्रिय का गोलक है । बोलने और भोजन करने में सहायक होने के कारण यह जिह्वा भी मुंह कर्मेंन्द्रिय के अंदर आ जाती है। हाथ से प्रायः किसी पदार्थ को पकड़ने तथा छोड़ने का काम करते हैं। सांसारिक कामों में इसकी बड़ी उपयोगिता सिद्ध होती है। लिंग से मूत्र-वीर्य आदि का त्याग होता है। गुदा से अपान वायु और मल का विसर्जन होता है। पैर से मुख्यतया चलने का काम होता है। कर्मेंद्रियों के कर्म वायु के द्वारा होते हैं; क्योंकि चलना, बोलना, बल करना पसरना और सिकुड़ना वायु की प्रकृतिया बतलाए गए हैं।

इंद्रियां 14 है। पांच ज्ञानेंद्रियां- आंख, कान, नाक, जीभ और त्वचा; पांच कर्मेंद्रियां- हाथ, पैर, मुंह, गुदा और लिंग और चार अंतःकरण- मन बुद्धि चित्त और अहंकार।

न्याय के अनुसार इंद्रियाँ दो प्रकार की होती हैं :

(1) बहिरिंद्रिय – घ्राण, रसना, चक्षु, त्वक् तथा श्रोत्र (पाँच) और

(2) अंतरिंद्रिय – केवल मन (एक)।

इनमें बाह्य इंद्रियाँ क्रमश: गंध, रस, रूप स्पर्श तथा शब्द की उपलब्धि मन के द्वारा होती हैं। सुख दु:ख आदि भीतरी विषय हैं। इनकी उपलब्धि मन के द्वारा होती है। मन हृदय के भीतर रहनेवाला तथा अणु परमाणु से युक्त माना जाता है। इंद्रियों की सत्ता का बोध प्रमाण, अनुमान से होता है, प्रत्यक्ष से नहीं सांख्य के अनुसार इंद्रियाँ संख्या में एकादश मानी जाती हैं जिनमें ज्ञानेंद्रियाँ तथा कर्मेंद्रियाँ पाँच पाँच मानी जाती हैं। ज्ञानेंद्रियाँ पूर्वोक्त पाँच हैं, कर्मेंद्रियाँ मुख, हाथ, पैर, मलद्वार तथा जननेंद्रिय हैं जो क्रमश: बोलने, ग्रहण करने, चलने, मल त्यागने तथा संतानोत्पादन का कार्य करती है। संकल्पविकल्पात्मक मन ग्यारहवीं इंद्रिय माना जाता है।

You can share your thoughts with my own thoughts I will be glad to learn something from you 

you can contact me

By Shri Mukesh Dass

Since 1997, the National Bird Peacock Dana water is being provided by Shri Ramchandra Seva Dham Trust. The only trust of Nawalgarh is where the national bird is served and this is the most peacock found.

87 replies on “इन्द्रिय कितनी होती है ?”

Hello There. I found your weblog the use of msn. That is an extremely smartly written article.
I’ll be sure to bookmark it and return to learn extra of your helpful info.

Thanks for the post. I’ll definitely comeback.

I was just searching for this info for some time.
After 6 hours of continuous Googleing, at last I got it in your website.
I wonder what is the lack of Google strategy that do not
rank this type of informative web sites in top of the
list. Normally the top web sites are full of garbage.

My blog post – Kodo Detox Patches Review

We wish to thank you again for the gorgeous ideas you offered Jesse when preparing her own post-graduate research plus,
most importantly, for providing each of the ideas in one blog post.
Provided we had known of your web page a year ago, we
would have been rescued from the unnecessary measures we
were selecting. Thank you very much.

My homepage; Muama Ryoko Portable Wifi

Comments are closed.

error: Content is protected !!